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yeh Kahani reading aur listening donoon me available hai . Iss blog k pehley part me story audio me hai , 2nd part me Hindi reading me hai
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Part 1: Bhaanjy ny thok diya - adult Hindi Kahani in audio listening
Jin logoon ko padney main diqut ho rahi hy un k Liye story video me daali hai net slow hony ki widi me Thoda wait video neechy hai 👇👇👇
Part 2 : Reading adult Hindi Kahani
मैं अपने भांजे को छोटा समझ कर उसके हर छोटे बड़े काम खुद किया करती थी एक दिन घर में कोई नहीं था तभी मेरा भांजा तौलिया लपेटे हुए भागता हुआ मेरे कमरे में आ गया और कहने लगा मामी मुझे बहुत जल गया है ऐसा कह कर वह मेरे बेड पर गिर गया मामी क्या देख रही हो आओ ना कह कर
उसने मुझे अपने पास बुलाया जब मैं यह देखने के लिए उसके पास गई कि उसे क्या हुआ है तभी उसकी कमर पर लपेटा हुआ तो लिया एक तरफ खिसक गया और उसने मुझे अपनी तरफ
खींच लिया जिसे मैं मासूम समझ रही थी उसने कुछ ही पलों में मेरा दिल दहला दिया छोटे भांजे ने बिना रुके ऐसा कुछ किया जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था नमस्ते दोस्तों आज की इस
कहानी में आपका स्वागत है मेरी शादी मुझसे उम्र में बहुत बड़े व्यक्ति से जब मैं 19 साल की थी तब मेरे पति 30 साल के थे मुझे मेरा बूढ़ा पति बिल्कुल पसंद नहीं था उसे देखते ही मुझे
बहुत गुस्सा आता था और मेरी सहनशीलता खत्म हो जाती थी मैं बहुत सुंदर थी और मेरा पति मेरी खूबसूरत ही देख कर बहुत खुश होता था लेकिन मैं उसे अपने पास अपने बिस्तर पर सोने नहीं देती थी मैंने उसे अपने करीब आने भी नहीं दिया था धीरे
धीरे मुझे भी अपने जीवन में पुरुष की कमी महसूस होने लगी थी लेकिन किसी भी हालत में मैं अपने बूढ़े पति के करीब नहीं जा सकती थी मैं अपनी अकेली दुनिया में जी रही थी तभी
अचानक मेरी ननद के बेटे यानी मेरे भांजा का हमारे घर में आगमन हुआ इसका नाम देव था मैं देव को पहली बार देख रही थी वह हमारे शादी में भी नहीं आया था उस समय वह हॉस्टल
में था और उसकी शिक्षा चल रही थी अब देवघर आते ही घर में सब के गले मिलते हुए मिलने लगा उसने सब के सामने ही मुझे भी गले लगाया जैसे ही देव ने मुझसे बात करने की कोशिश
की मेरा पति उसकी तरफ गुस्से से देखने लगा माहौल को फिर से हल्का बनाने के लिए मैंने देव से कहा देव अचानक घर आने का मौका कैसे मिल गया मैं यह सवाल किया ही था कि मेरी
सासू मां ने कहा घर आने का कारण पूछने वाली तुम कौन हो मेरी बेटी का बेटा यहां नहीं आ सकता क्या सासू मां का गलतफहमी दूर करते हुए मैंने कहा मेरा मतलब वह नहीं था मेरा मतलब था कि देव हमारी शादी में नहीं आया था तो अचानक
उसे समय कैसे मिल गया तब देव बोला नई मामी ने मुझे सिर्फ एक साधारण सा सवाल किया है आप उन पर बेवजह गुस्सा मत फिर देव बोला मामी आपकी शादी के समय मेरी फाइनल
परीक्षा चल रही थी इसलिए मैं आपकी दादी को मिस कर गया था लेकिन अब मैं आ ही गया हूं तो मैं मामी से खूब सारे लाड प्यार करवा कर ही जाऊंगा जब मेरा मन भर जाएगा तभी जाने का सोचूंगा यह सुनकर सभी हंसने लगे देव कितने दिनों तक
हमारे घर रहने वाला है यह तो मैंने उससे नहीं पूछा था मैंने तो उसे बस हंसते हुए एक छोटा सा सवाल किया था लेकिन सासू मां मुझ पर भड़क गई थी इसलिए मैंने आगे भांजे से कोई
सवाल करने की हिम्मत नहीं की कुछ देर बाद दे फ्रेश होकर बाहर आया तो सासु मां ने मुझे उसके लिए नाश्ता लाने को कहा नाश्ते की प्लेट लेकर मैं देव के पास जा रही थी तभी मेरा पर
फैसला और मेरे हाथ से प्लेट देख के ऊपर गिर गई और नाश्ता उसके कपड़ों पर गिर गया यह सासू मां मुझ पर चिल्लाई और बोली कि अभी के अभी उसके कपड़े साफ कर उसे समय मेरे पति घर पर नहीं थे वह सामान लेने बाहर गए हुए थे सासू मां
की डांट सुनकर मैं घबराते हुए किचन में कपड़ा लेने गई कपड़े साफ करने से पहले मैंने सासू मां से फिर से पूछा सासू मां क्या सच में मुझे देव के कपड़े साफ करने चाहिए इस पर उन्होंने
गुस्से में कहा और कौन करेगा यह सारा गड़बड़ तुमने की है तो तुम्हें ही इसे साफ करना होगा देव इस सबके बीच कुछ नहीं बोल रहा था और खुद से अपने कपड़े साफ करने की कोशिश भी नहीं कर रहा था मुझे उसके कपड़े साफ करते हुए शर्मा
रही थी क्योंकि नाश्ता उसकी कपड़ों पर ऐसी जगह गिरा था जहां मैं उसे छूने में हिचकी जा रही थी देव खुद अपने कपड़े साफ कर सकता था लेकिन वह चाहता था कि मैं ही उसके कपड़े साफ करूं इसीलिए वह कुछ नहीं बोल रहा था मुझे
उसके कपड़े छूने में बहुत संकोच हो रही थी तभी देव मुझे प्यार भरी नजरों से देखने लगा और एक एक करके बारीकी से बताने लगा कि मुझे उसके कपड़े कैसे साफ करने चाहिए जब मैं
उसके कपड़े साफ कर रही थी तभी अचानक मेरा पति वहां आ गया मुझे यह काम करते देखा वह मुझ पर गुस्सा हो गया और कहा तुम यह काम क्यों कर रही हो तब मैंने उसे बताया कि
मैं यह काम अपने मन से नहीं कर रही हूं बल्कि सासू मां के कहने पर कर रही हूं इस पर अंशुमन यानी मेरे पति ने सासू मां से नाराज होकर कहा मां देव अब बचा नहीं है जो तुम मेरी पत्नी से उसका यह काम करवा रही हो जो हुआ वह एक दुर्घटना थी आगे
से उसे किसी पुरुष के काम करवाने की कोशिश मत करना यह कहकर सुमन ने मेरे हाथ से कपड़ा हटाया और वहां से चला गया उसने लाया हुआ किराने का सामान वही रख दिया था फिर मैं वह सामान लेकर किचन में चली गई देव भी मेरे पीछे पीछे आया जब वह नलकी पर हाथ धो रहा था तो वह खुद से
बड़बड़ा रहा था जिसके कारण उसका चेहरा अचानक उदास लगने लगा था वह बड़बड़ा रहा था कि मैं अभी के अभी मैं यहां से चला जाऊंगा उसकी बर्बाद मेरे कानों तक पहुंची तो मैंने
उससे कहा देव तुम्हें यहां आए कुछ ही घंटे हुए हैं इतनी जल्दी घर जाने का विचार क्यों कर रहे हो इस पर वह बोला मैं तो पराया हूं ना फिर मैं यहां क्यों रुक मां मुझे पराया समझते हैं और शायद तुम भी मुझे पराया समझती होगी पराए लोगों के
बीच रहा कर मैं क्या करूंगा मैं तो अपनी नई मामी से मिलने आया था लेकिन जाने दो शायद मेरे नसीब में मामी का प्यार ही नहीं है यह कहकर वह मुंह लटका कर वहां से जाने लगा तभी मैं उसका हाथ पकड़ी और उसे रोकने के चक्कर में मैं उसका
हाथ जोड़ से खींच ली और वह मेरे एकदम करीब आ गया उसे हटाते हुए मैं माफी मांगते हुए कहा सॉरी देव मैं तुम्हें गलती से खींच लिया फिर उसे समझाते हुए कहा देव अंशुमन की बातों को दिल पर मत लो असल में मैं अपने पति की पत्नी परवाह नहीं करती वह सिर्फ मेरी संपत्ति के लिए मेरे आगे पीछे
करता रहता है अगर तुम्हारे कपड़ों पर कुछ गिर होता तो उन्हें साफ भी नहीं करती जैसे तुम्हारे कपड़ों को साफ कर रही हूं अगर तुम्हें सच में मुझे अपने लड़ करवाने हैं तो तुम यहीं रुक जाओगे नहीं तो अंशुमन की बातों को दिल पर लेकर चले
जाओगे इसलिए मैंने ऐसा किया अब फैसला मेरी बात सुनकर देव बोला मामी सच कहूं तो मुझे पहले गुस्सा आ रहा था लेकिन तुम्हारी प्यारी बातों ने मेरा सारा गुस्सा भगा दिया अब तो सिर्फ तुम्हारे लिए मैं यहीं रुक रहा हूं समझ लो कि मैं अब तुम्हारा हूं यह कहकर देव ने मुझे गले से लगा लिया देव की यह छोटी
छोटी बातें मेरे मन पर असर डालने लगी थी देखते ही देखे उसे घर आए 5 दिन हो गए इन 5 दिनों में वह घर का सदस्य बन गया था हर सुबह अंशुमन उसे अपने साथ दुकान पर ले जाते थे अंशुमन का जनरल स्टोर था और वह देव को बोरियत से
बचने के लिए अपने साथ ले जाते थे देव के आने से घर में काम का बोझ बढ़ गया था सासू मां तो पूरा दिन मंदिर में बता देती थी जिस घर के कामों में उनकी कोई मदद नहीं मिलती थी मेरे पति की आमदनी भी नहीं थी कि हम किसी नौकरानी को रख
सके पूरा घर बस उनकी दुकान की कमाई पर चल रहा था एक दिन मैंने अंशुमन से कहा अंशुमन मुझे अब इतने सारे काम नहीं होते घर में खाने पीने की बहुत सोच ले बड़ी है और घर में एक और सदस्य भी आ गया है सासू मां भी मेरी कोई मदद नहीं
करती शायद सासू मां ने हमारी सारी बातें बाहर खड़े होकर सुन ली थी वह तुरंत कमरे में आई और मुझे डांटना लगी उन्होंने कहा अब तुम मुझसे इस उम्र में काम करवाना चाहती हो और अपने पति के कान भर रही हो फिर सासू मां और मेरे बीच
बहस शुरू हो गई अंशुमान ने हमें शांत करते हुए कहा तुम दोनों शांत हो जाओ अब मन से काम नहीं होता और मैं घर में नौकर नहीं रख सकता तो जिस व्यक्ति के कारण घर में काम बड़ा है वही तुम्हारी मदद करेगा फिर अंशुमान ने कहा देव अब
दुकान पर नहीं जाएगा वह घर पर रहेगा और तुम्हारी मदद करेगा मेरे पति ने अपनी जिम्मेदारियां से छुटकारा पाने के लिए अपनी जवान भांजे को मेरे साथ घर में अकेला छोड़ने का फैसला किया था मैंने इस पर कुछ नहीं कहा और उसके फैसले को मानते हुए हम ही भर दी अगले दिन से देव मेरे साथ
घर पर रहने लगा सुबह के कामों में वह मेरी मदद करने लगा नाश्ता करने के बाद सासू मां मंदिर चली जाती थी और अंशुमन दुकान के लिए निकल जाते थे उनके जाने के बाद में नष्ट करती और देव मेरे साथ ही बैठ कर नष्ट करता देव की एक अजीब हरकत धीरे धीरे मेरी नजर में आ रही थी जब तक सासू
मां और अंशुमन घर पर होते तब तक देव मुझे दूरी बनाए रखते हुए काम में मेरी मदद करता लेकिन जैसे ही मां और सासू मां घर से बाहर जाते देव का व्यवहार बदल जाता वह मेरे एकदम करीब आने लगता अच्छी बात यह थी की सासू मां कभी
भी अचानक घर आ जाती थी जिसे देव थोड़ा डर जाता था सुबह के समय जब सासू मां और अंशुमन घर से बाहर जाते तो देव मुझे अपनी व्यक्तिगत कामों के लिए कहाँ लगता जैसे जब वह नहाने जाता तो मुझे कहता कि उसके कपड़े बिस्तर पर
निकाल कर रख दूं उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि वह मुझे यह बताने लगा कि मुझे कौन सी साड़ी पहनी चाहिए जबकि मैं उसके इन सारे व्यवहार को नजरअंदाज कर रही थी एक बार उसने मुझे नहाने का पानी भरने के लिए कहा उसे दिन सब्जी की चौथी को
लेकर मैं बहुत गुस्से में थी मैंने उसके बाथरूम में नहाने के लिए बहुत गर्म पानी भर दिया कुछ देर बाद देव नहाने के लिए बाथरुम से दौड़ता हुआ सीधे मेरे कमरे में आ गया उसके शरीर पर केवल एक तौलिया लिपटा हुआ था बाकी वह वैसे ही मेरे
सामने खड़ा था देव का शरीर कैसा हुआ था और भले ही वह मेरा पति नहीं था लेकिन वह निश्चित रूप से जवान था कमरे में आते ही वह उछलने लगा मम्मी मुझे कुछ जल गया है का
कर वह मेरी तरफ बढ़ा मैंने गुस्से में उसके नहाने के लिए बहुत गर्म पानी भर दिया था शायद उसने पहले पानी कितना गम है यह चेक नहीं किया था लेकिन नहाने की शुरुआत में ही कोई उसे जगह पानी डालता है मामी मुझे बहुत जलन हो रही है
जो कोई भी क्रीम है जल्दी से यहां लगा दो कहते हुए वह मेरे बिस्तर पर बैठ गया उसने अपने पैर की ओर इशारा करते हुए दिखाया कि कहां जलन हो रही है तो मैं घबरा गई थी मैंने कहा मुझसे गलती हो गई मुझे गुस्से में इतना गर्म पानी नहीं
डालना चाहिए था लेकिन तुम्हें भी पहले देख लेना चाहिए था कि पानी कितना गम है देव ने जवाब दिया यह सब छोड़ो पहले मेरा जला हुआ पर देखा वह बोलने लगा उसे समय लाज
और डर के मारे मैंने धीरे धीरे उसके पैर पर से तौलिया हटाना शुरू किया उसका पैर घुटने से ऊपर तक जला हुआ था उसे जवान लड़के को उसे होने में मुझे बहुत ला जा रही थी तो लिया हटाने से पहले मैंने देव की तरफ एक नजर डाली उसकी
नजर देख कर मैं उससे दूर हो गई फिर मैंने उससे कहा तुम यह सब झूठा नाटक कर रहे हो है ना इस पर वह बोला मामी मैं तुमसे सच सुनना चाहता था कि क्या तुमने जानबूझकर मेरे लिए नहाने का गर्म पानी रखा है मैं इतना भी बेवकूफ नहीं हूं कि
बिना देखे नहाने बैठ जाऊं मुझे यह जानना था कि तुम्हारे मन में मेरे लिए गुस्सा है या चिंता अपनी मामी के साथ एक छोटा सा मजाक कर रहा था उसे समय में देव पर मैं बहुत गुस्सा थी
तभी उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने करीब खींचा और वह मेरी आंखों में आंखें डाल कर बोला मामी तुम्हें मैं कैसा लगता हूं उसका सवाल मुझे अजीब लगा मैंने कहा देव यह तुम क्या अजीब हरकत कर रहे हो मैं तुम्हारी मामी हूं यह मत भूलो मेरा हाथ छोड़ो नहीं तो मैं तुम्हारी शिकायत तुम्हारे मामा
से कर दूंगी तुम्हारा यह बर्ताव देख कर तुम्हारे मामा तुम्हें इस घर से बाहर निकाल देंगे उसे पर उसने कहा मां मुझे यहां से बाहर नहीं निकाल सकते देव की पकड़ और भी खड़ी होती जा रही थी तब मैं उसके जितना करीब थी उतना तो कभी मैं अपने
पति के भी करीब नहीं गई थी देव की वजह से मेरी ताकत बहुत कम हो रही थी तब उसने मुझसे प्रेम के शब्द बोलने शुरू तभी बाहर से जोर से बहू ऐसी आवाज आई उसे दिन पहली बार सासू मां के मुझे दी हुई आवाज बहुत मीठी लगी थी क्योंकि उनके आने से मैं देर से अपनी जान छोड़ पाई थी सासू मां
की आवाज सुनते ही देव ने मुझे अपने से दूर किया एक बार अंशुमन घर गया तो मैंने तय किया कि मैं उससे उसकी सब्जी की शिकायत जरूर करूंगी रात को सोने से पहले अंशुमान ने मुझे एक सवाल किया कि अब तुम्हारे काम का बोझ काफी
कम हो गया होगा ना देव तुम्हारी मदद तो करता है ना मैं अंशुमन को कुछ बताने ही वाली थी कि देव हमारे कमरे में आ गया और वह अंशुमन से पूछने लगा की मां तुम छोटे बच्चों की तरह दूध क्यों पी रहे हो इस पर मैंने उसे जवाब दिया कि
तुम्हारे मामा को कैल्शियम की कमी है इसलिए वह रोज रात को दूध पीते हैं तुम्हें इससे कोई परेशानी है क्या रात के समय पति पत्नी के में बताओ ऐसा कह कर मैं देव को हमारे कमरे के बाहर निकाल दिया अभी जो मैंने पति पत्नी के प्रेम के बारे में कहा
था उसे सुनकर अंशुमन के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी वह मुझे प्यार से देखने लगा था मैं उसके पास जाकर अपने हाथों से उसे दूध पिलाने लगी उसके बाद हम दोनों सो गए दूसरे दिन रात को दूध का गिलास रसोई में रखने के लिए मैं अपने कमरे से बाहर आई रसोई में जाते समय अचानक देव ने मुझे अपने कमरे में
खींच लिया उसने तब भी मेरा हाथ कस कर पकड़ रखा था उसका वह बेहूदा व्यवहार देखकर मैंने कहा देव यह क्या बेहूदा हरकत है मैं तुम्हारी मामी हूं यह मत भूलो अगले 5 सेकंड में अगर तुमने मेरा हाथ नहीं छोड़ा तो मैं जोर से चिल्ला की तब
देव बोला मामी तुम माइक लेकर भी चिल्ला लो तुम्हारे पति रात को नहीं उठने वाले हैं यह तो मुझे पता है उनकी पत्नी ने उन्हें नींद का दवा मिला हुआ दूध दिया पिलाया है इसलिए वह गहरी नींद में सोएंगे देव की बातें सुनकर मैं स्तब्ध रह गई
उसने अपना मोबाइल मेरे सामने रखा और कहा मानी मैंने तुम्हारे पति के दूध में नींद की दवा मिलते हुए देखा है सिर्फ मैं ही नहीं मेरे इस मोबाइल ने भी तुम्हारे सारे कृति रिकॉर्ड
किए हैं अगर यह वीडियो मेरे मामा ने देख लिया तो क्या होगा यह सोच लो अंशुमन मेरे पास ना आए इसीलिए मैं हर रात चुप कर उसके दूध में नींद की दवा मिला देती थी उसे वीडियो को दिखा कर दे मुझे ब्लैकमेल करने लगा और मुझे नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करने लगा जिससे मैं सामान्य समझती थी वह
इतना चालाक निकला यह मुझे नहीं पता था तब देर से मीठी मीठी बातें करने के अलावा मेरे पास कोई और नहीं था इसीलिए मैं उसकी तरफ घूम कर उसके गले में हाथ डालकर खड़ी
हो गई और उसे बोली देव मैं तो तुमसे मजाक कर रही थी जब से तुम यहां आए हो तुम मेरे गले का हर हो बस मैं सामने से कुछ बोल नहीं सकती थी आज देखो मौका सही मिला है मेरी तुम्हारे पास आने की इच्छा है मैं देव को इतने प्यार से गले
लगाए कि उसे मेरी बातों पर विश्वास हो गया थोड़ी देर बाद में देर से बोली देव मेरे पेट में बहुत जोर से दर्द हो रहा है मैं कल आकर तुमसे मिलती हूं ऐसा कह कर मैं उसके कमरे से धीरे से बाहर निकल गई अगले दिन से अंशुमन मेरे पति उसे अपने
साथ दुकान पर ले जाने लगे मुझे देव पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं था अगर उसने गलती से भी अंशुमन के सामने मुंह खोल दिया होता तो मेरे पति अंशुमन मुझ पर कैसे बरसाते इसकी तो मुझे कोई कल्पना ही नहीं उन दोनों के दुकान पर जाने के कुछ समय बाद मैं भी हमारे दुकान पर गई मुझे देव पर नजर
रखनी थी कि वह उसके सामने मेरे बारे में कुछ बोल तो नहीं रहा है जब मैं दुकान के सामने पहुंची तो अंदर मुझे कोई नहीं देखा तो मैं दुकान में चली गई अंदर मुझे एक तहखाना दिखा जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था मैं उसे दरवाजे से नीचे
नहीं जा सकती थी लेकिन मुझे अंदर से किसी की आवाज आ रही थी सीधी ना होने के कारण मैं नीचे नहीं जा पा रही थी इसलिए मैं कान लगाकर सुनने लगी अंदर से मुझे अंशुमन और देव की बातें सुनाई दी अंशुमन देव से पूछ रहा था आखिर कब तक इस हो जाएगा जल्दी से इसका इलाज कर और
अपने पैसे लेकर इस लड़की के साथ यहां से हमेशा के लिए निकल जा लड़की कौन सी लड़की मेरे पति ने किसी लड़की को इतना लाड प्यार दिया था मुझे कुछ नहीं आ रहा था तभी मैंने देव को बोलते सुना वह अंशुमन से पूछ रहा था तू इस
लड़की का चेहरा मुझे क्यों नहीं दिख रहा यह है कौन उसके सवाल पर अंशुमान ने जवाब देने के बजाय उसे पर चिल्ला कर उसे चुप कर दिया देव ने मेरे बारे में मेरे पति से कुछ कहा होगा ऐसा तो नहीं लग रहा था तभी मुझे अंदर से उनके बाहर
निकालने की आवाज आई मैं तुरंत दुकान से घर की तरफ भाग घर पहुंचते ही मैंने प्लान बनाया की रात में अंशुमन को नींद की दवा दिए बिना मैं देव के कमरे में जाकर उसे पर जबरदस्ती का आरोप लगाऊंगी जैसे ही अंशुमन समझेगा वह देव को हमेशा के लिए घर से निकाल देगा शाम को जब अंशुमन घर
आया तो मैंने उसे सासू मां के कमरे में जाते देखा उनके कमरे में जाते वक्त उसके चेहरे पर चिंता दिख रही थी जैसे ही अंदर गया मैं दरवाजे के पास खड़ी होकर कान लगाकर सुनने लगी अंशुमन सासू मां से कह रहा था मां तुम मुझे दिन भर से इतने कॉल क्यों कर रही थी ऐसा क्या भूकंप आ गया है सासू मां
बोली अब इस भूकंप ही कहना पड़ेगा अंशुमन तेरी शादी को एक महीना होने वाला है अभी तक तेरी बीवी से कोई खुशखबरी सुनने को नहीं मिली तू मर्दों में से तो है ना अगर वह जल्दी गर्भवती नहीं हुई तो सासु मां कुछ और बोलती
तभी पीछे से देव ने मानी कहकर आवाज दिया देव की आवाज सुनकर सासू मां चुप हो गई शायद उन्हें शक हो गया था कि मैं बाहर हूं तब मैं देव की तरफ ध्यान न देते हुए किचन की तरफ चली गई रात में अपने प्लान के मुताबिक जैसे ही
अंशुमन सोने गया मैं देव के कमरे में चली गई और उसे प्यार से गले लगा लिया फिर देव मैंने जो वादा किया था वह मैंने निभाया अब मैं तुम्हारी हूं जैसे ही देव मेरे पास आया मैंने उसका हाथ पकड़ कर बचाओ बचाओ चिल्लाना शुरू कर दिया मेरी
आवाज सुनकर अंशुमन दौड़ता हुआ वहां आया तब मैं अंशुमन से कहा अंशुमन तुम्हारे भांजे ने मुझ पर जबरदस्ती करने की कोशिश की है अभी के अभी से घर से बाहर निकालो अंशुमन मेरे पास आया और मुझे थप्पड़ मारते हुए बोला देव ने मुझे
दोपहर में सब कुछ बता दिया था मुझे पता चल गया था कि तुम मुझे नींद की दवा दे रही हो अब मैं और देव दोनों ही तुम पर प्यार की बारिश करेंगे वह दोनों बदमाश मुझे चिल्लाने लगे तभी बाहर से पुलिस वैन की आवाज आई कुछ ही देर में पुलिस कमरे के अंदर आ गई मुझे पहले से ही देव पर
शक था उसे शाम को सा और मेरे पति की बातें सुनकर तो मैं और भी परेशान हो गई थी मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वह दोनों मुझे जल्द से जल्द गर्भवती करके मुझे क्या फायदा लेना चाहते थे लेकिन मुझे यह जरूर पता चल
गया था कि मेरी जान उसे घर में खतरे में है इसलिए मैंने पहले ही पुलिस को घर में हो रही सारी गड़बड़ी की जानकारी दे दी थी फिर पुलिस ने उन दोनों बदमाशों के साथ सासू मां को भी गिरफ्तार कर लिया पुलिस के साथ में हमारे दुकान पर गई वहां पहुंचते ही दुकान की जांच शुरू हुई वहां हमें एक
लड़की सोई हुई मिली उसका चेहरा पूरी तरह ढका हुआ था जैसे ही हमने उसे लड़की के शरीर से कंबल हटाया मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि वह कोई और नहीं बल्कि मेरी बहन थी डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो पता चला कि वह
कोमा में है अंशुमन मेरी बहन का पति था उनकी शादी के कुछ ही दिनों बाद अंशुमान ने आरोप लगाया कि मेरी बहन भाग गई है बड़ी बेटी के भागने की वजह से मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई ऐसा कहते हुए अंशुमान ने मेरे पिता से मेरी मांग की
थी इज्जत बचाने के लिए पिताजी ने मेरी शादी उससे कर दी जब पुलिस ने अंशुमन का बयान दर्ज किया तब पता चला कि उसे बदमाश सास ने मेरे पिता की संपत्ति हड़प्पा के लिए मेरी बहन पर अत्याचार किया था लेकिन उसने यह कहकर
उन बदमाशों से खुद को छुड़ाने की कोशिश की थी कि मैं उनकी सौतेली बेटी हूं और सारी संपत्ति मेरी छोटी बहन के नाम है हालांकि मेरे अपने रिश्तेदार ने मेरी बहन पर इतना अत्याचार किया कि वह कोमा में चली गई थी उसने संपत्ति
पाने के लिए मुझसे शादी की थी उसका प्लान था कि जब मैं गर्भवती हो जाऊंगी तो गर्भ के कारण में कोई कदम नहीं उठा पाऊंगी और उसे समय मेरे पिता की संपत्ति आसानी से मिल जाएगी देव एक छोटे से गांव में एक छोटा क्लीनिक चलाने वाला डॉक्टर था उसे 10 लाख देने का लालच देकर
कुछ दिनों के लिए मेरी बहन का इलाज करने के लिए बुलाया गया था उन तीनों अपराधियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई मेरे पिता ने यह सोचकर शादी किया था कि वह एक साधारण और भोले इंसान है लेकिन उसके मीठे स्वभाव के पीछे इतना काला चेहरा होगा इसका हमें अंदाजा भी नहीं था मेरा भाग्य अच्छा था कि मैं उसे सब से बाहर निकल पाई
अब मैं यही प्रार्थना कर रही हूं कि मेरी बहन जल्दी ठीक हो जाए दोस्तों आज कल लोग एक चेहरे के पीछे कई झूठे चेहरे लेकर घूमते हैं
Conclusion of Bhaanjy ny thok diya - adult Hindi Kahani
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